Koderma Jain Samaj Info Page
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Saturday, September 29, 2007
Why Jhumri Telaiya is popular in cinema
सही अर्थों में कहा जाए तो झुमरी तिलैया को विश्वविख्यात बनाने का श्रेय वहां के स्थानीय रेडियो श्रोताओं को जाता है जिनमें रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल, गंगालाल मगधिया, कुलदीप सिंह आकाश, राजेंद्र प्रसाद, जगन्नाथ साहू, धर्मेंद्र कुमार जैन, पवन कुमार अग्रवाल, लखन साहू और हरेकृष्ण सिंह प्रेमी के नाम मुख्य हैं। मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग में वर्षों पहले छपे एक लेख में विष्णु खरे ने लिखा था कि उदघोषक अमीन सयानी को प्रसिद्ध बनाने में झुमरी तिलैया के रेडियो श्रोताओं में खासतौर पर रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल का हाथ है।
बिहार में गया रेलवे स्टेशन के अगले स्टेशन कोडरमा के बाहरी क्षेत्र को झुमरी तिलैया के नाम से जाना जाता है। यह बिहार की राजधानी पटना से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसकी आबादी एक लाख के करीब होगी। यहां विश्वविख्यात अभ्रक की खानें हैं और यहां का कलाकंद भी प्रसिद्ध है। वर्णवाल के बारे में लोगों का कहना है कि उनकी पहली फरमाइश रेडियो सिलोन से पढ़ी गई थी। फिल्म ‘मुगले आजम’ का गीत ‘जब प्यार किया तो डरना क्या’ के लिए उन्होंने टेलीग्राम से फरमाइश भेजी थी। रेडियो सिलोन से अक्सर यह प्रसारण होता था कि आप ही के गीत कार्यक्रम में झुमरी तिलैया से रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल ने ‘दो हंसों का जोड़ा बिछुड़ गयो रे, गजब भयो रामा जुलुम भयो रे’ फरमाइश की है। झुमरी तिलैया से गंगालाल मगधिया, कुलदीप सिंह ‘आकाश’, राजेंद्र प्रसाद, जगन्नाथ साहू, धर्मेंद्र कुमार जैन, पवन कुमार अग्रवाल, लखन साहू ने भी इसी गीत की फरमाइश की है।
रेडियो पर फरमाइश को लेकर कई अजूबे जुड़े हुए हैं। एक बार ऐसा हुआ कि आल इंडिया रेडियो पर गंगा जमुना फिल्म का गीत दो हंसो का जोड़ा बिछुड़ गयो रे बज रहा था। गीत समाप्त होने पर उदघोषक ने घोषणा की कि अभी अभी झुमरी तिलैया से रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल का भेजा हुआ टेलीग्राम हमें प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने दो हंसों का जोड़ा सुनाने का अनुरोध किया है। अत: यह गीत हम आपको पुन: सुना रहे हैं। टीवी के व्यापक आगमन से पहले रेडियो के अलावा मनोरंजन का दूसरा साधन नहीं था। ग्रामोफोन प्लेयर बहुत कम लोगों के पास था।
फरमाइश भेजने वालों में हरेकृष्ण सिंह ‘प्रेमी’ कभी पीछे नहीं रहे। यह अलग बात है कि वे अपनी हरकतों व कथित प्रेमी होने के कारण हमेशा चर्चा में रहे।
एक और दिलचस्प बात यह है कि रेडियो पर फरमाइश भेजने वालों में आपसी होड़ इस हद तक बढ़ गई थी कि लोग एक दूसरे की डाक को गायब करवाने और रुकवाने के लिए डाक छांटने वाले कर्मचारियों को रुपए देते थे। तब कई गंभीर श्रोता फरमाइशी पत्रों को भेजने के लिए गया और पटना तक जाने लगे जिससे डाक खर्च भी बढ़ गया। उन दिनों इस तरह के पत्र पर कम से कम 25 से 35 रुपए खर्च होने लगे।
झुमरी तिलैया के संबंध में सबसे ज्यादा रोचक बात यह थी कि जिस किसी फिल्म के किसी गीत को सुनने के लिए झुमरी तिलैया के श्रोता अपनी फरमाइश भेजते थे उस फिल्म को और उस गीत को मुंबई फिल्म उद्योग के बॉक्स ऑफिस पर हिट माना जाता था। यह सिलसिला कई साल से खत्म हो गया है। निजी टीवी चैनलों और दूरदर्शन की मार से रेडियो श्रोता बहुत कम रह गए हैं, साथ ही झुमरी तिलैया का सरगम भी खो गया है।
(copied from another web site, not sure if the information is true)
Thursday, November 9, 2006
Koderma elections.....Marandi wins
Koderma elections that were held on the 6th November, 2006 has come out with results. As per the election for koderma lok sabha news Babulal Marandi (in the picture) of Jharkhand Vikas Morcha (Democractic), won the race by nearly 2,00,000 votes. The runner up was Sri Manoj Yadav (Congress) and the third position went to Pranav Verma (BJP).
And as per the news the supporter of Babulal Marandi held a great road show in the evening in koderma district.
Sunday, November 5, 2006
It was time for sorrow...
As soon as we came to know about the sad demise of the greatest guru Shri Bharat Sagar Ji Maharaj, the entire Koderma jain samaj went into deep sorrow. It was around 1:00pm on the day of the holy diwali (26th, oct, 2006) that this incident happen.
For the nobel cause, the entire jain society had a baithak on the same day and on the same evening had a Namokar Mantra sabha for around 45 minutes to send peace to the great soul that passed.
To soothe this dismissal further, the jain samaj decided to spend their diwali with the minimum possible lighting and minimum possible crackers. An official notice for the same was published to all the members of the jain samaj and it was followed with great support.
News by: Vivek Sethi
Thursday, November 2, 2006
Shri Sumer Ji Papdiwal passes away
In his last days, he was staying at his sister's house at Gwalior, Rajasthan. He was around 65 years old.
We wish him peace in the heaven.
Thursday, October 26, 2006
Shri Gorilal Ji Sethi passes away
For past some time he was staying at Bhilwara, Rajasthan with his son Mr. Ashok Sethi and as reported to us he was suffering with ailments due to his growing age.
He was one of the most respected person of the Koderma Jain Samaj. He was a leader in all the religious activities/events and was a great member of the management team.
We wish him peace in the heaven.